अंगदान और देहदान करना चाहता हूं
दान किए हुए अंगों को कोई बेचेगा नहीं तो दान करना उचित है
किसी एनजीओ को नहीं देना चाहता प्रशासन को देना चाहता हूं
जीते जी भी समाज सेवा कर रहा हूं मारने के बाद भी करूं
छिंदवाड़ा – मैं संजय भारद्वाज पिता स्वर्गीय श्री श्याम सुंदर भारद्वाज जिला छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश अपनी स्वइच्छा से घोषणा करता हूं कि मेरे मृत्यु के उपरांत मेरे शरीर के वह 16 आर्गन जो मृत्यु के पश्चात कुछ समय जीवित रहते हैं । उन्हें निकाल लिया जाए और उन जरूरतमंद 16 लोगों को वितरण किया जावे । जिससे 16 लोगों को नया जीवन मिल सके । साथ ही मेरी मृत्यु के पश्चात में अपना देहदान भी मेडिकल कॉलेज को स्वेच्छा से देना चाहता हूं। जिला प्रशासन इस दिशा में जो भी आवश्यक फॉर्म हो वह मुझे से भरवा सकता है । मेरे 16 अंग और देहदान किसी भी एनजीओ के माध्यम से नहीं करूंगा जिला प्रशासन प्रदेश प्रशासन के माध्यम से ही देना पसंद करूंगा । क्योंकि जिले में मैंने देखा है समाज सेवा के नाम पर एनजीओ के लोग मानव शरीर के अंगों की तस्करी करते हैं जो उचित नहीं है । अभी जिले में जिन लोगों ने आंखें मृत्यु उपरांत दान की है वह किसी को भी पता नहीं कि किसको दिया है मगर मैं अपने परिवार के लोगों को यह जानने का अधिकार दूंगा कि मेरे 16 अंग और मेरा देह दान जो किया गया है उसका उपयोग किस मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है इसकी पूरी जानकारी मेरे परिवार को होना चाहिए ।