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अमानवीय कृत्य का क्या है सच जांच अभी बाकी है आदिवासी उत्पीड़न का मामला

छिंदवाड़ा – जिले की अमरवाड़ा विधानसभा की हर्रई तहसील में आदिवासी उत्पीड़न का मामला तूल पकड़ता जा रहा है पीड़ित का आरोप है उसके साथ अमानवीय कृत्य किया गया बेरहमी से मारपीट की गई जिसकी शिकायत पर हर्रई थाना पुलिस ने आरोपी और उसके दो साथी पर गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है और अन्य दो आरोपी साथियों की तलाश जारी है
घटना 29 जून रात्रि 2:00 बजे की है पीड़ित के अनुसार उसे आरोपी द्वारा आयातित गुंडे के माध्यम से गांव के मंच पर न सिर्फ बेरहमी से मारपीट की गई बल्कि ऐसा अमानवीय कृत्य किया गया जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती मामला संज्ञान में आने के बाद न सिर्फ थाना पुलिस बल्कि तहसीलदार एसडीएम एडिशनल एसपी ने घटनास्थल पर पहुंचकर मौका मुआयना कर पीड़ित और ग्रामीणजनों को समझाइश दी तब तक खबर आग की तरह फैल चुकी थी हालांकि शासन प्रशासन द्वारा इस मामले को सामान्य मारपीट एट्रोसिटी का मामला बताकर रफा दफा करने का प्रयास किया जा रहा है

दबंग हिंदुस्तान से बातचीत में हर्रई थाना प्रभारी उमेश कुमार मार्को, तहसीलदार सुधीर मोहन, ने बताया कि जिस प्रकार से सोशल मीडिया में, न्यूज़ चैनल में खबरें चल रही है वह सही नहीं है मारपीट हुई है गाली-गलौज हुई है मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और अभी जांच जारी है। उम्मीद की जा सकती है अगर ऐसा अमानवीय कृत्य हुआ है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा मिले जो एक नजीर पेश कर सके हालांकि छिंदवाड़ा जिले के आदिवासियों के साथ में उत्पीड़न का यह पहला मामला नहीं है इसके पूर्व भी जिला ही नहीं बल्कि प्रदेश भर से आदिवासियों के उत्पीड़न के कई मामले प्रकाश में आए चूंकि सत्ता सिंहासन की किरकिरी ना होऔर आदिवासी वोट बैंक का विश्वास सरकार से खत्म ना हो इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर अन्य मामले भी आए, गए और खत्म हो गए अब देखना होगा जब पीड़ित खुद अमानवीय कृत्य की बात बता रहा है जिसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है
क्या पीड़ित को मिलेगा न्याय?
क्या निष्पक्षता के साथ की जाएगी जांच?
क्या आरोपियों को उनके कृत्य की मिल पाएगी सजा? सवाल भविष्य के गर्त में है