Home अपना शहर शिक्षाविदों ने विकसित भारत के लिए शिक्षा स्वरूप पर रखें अपने विचार

शिक्षाविदों ने विकसित भारत के लिए शिक्षा स्वरूप पर रखें अपने विचार


परामर्श एवं कंसल्टेशन बैठक – ह्यूमन कैपिटल फॉर विकसित भारत 2047
स्कूल शिक्षा के आधारभूत आयाम पर कार्यशाला संपन्न

छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में स्थानीय पी.एम.श्री महारानी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छिंदवाड़ा में विकसित भारत 2047 के लिए स्कूली शिक्षा के आधारभूत आयाम विषय पर जिला स्तरीय कार्यशाला जिला परियोजना समन्वयक जे.के.इडपाचे एवं एडीपीसी गिरीश शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत शिक्षक विजय आनंद दुबे, विनोद तिवारी, दिनेश भट्ट, मुरलीधर राव, शाहिद मंसूरी, राज्यपाल पुरुस्कार शिक्षक अनिल कोठेकर, श्रीमती अमिता शर्मा, राकेश मालवीय ने विकसित भारत के लिए शिक्षा के संबंध में सुझावात्मक विचार रखे। जिला परियोजना समन्वयक जे.के.इडपाचे ने आधारभूत बुनियादी कौशल, परिणाम आधारित शिक्षा एवं शैक्षणिक गुणवत्ता विषय पर विस्तार से अपनी बात रखी साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली कठिनाई एवं चुनौतियों का चिन्हांकन और उनके समाधान अंतर्गत तकनीकी समाधान एवं संयोजन की संभावना पर जानकारी प्रदान की। एडीपीसी गिरीश शर्मा ने माननीय प्रधानमंत्री के सपनों का विकसित भारत में शिक्षा के योगदान एवं कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में शिक्षाविदों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में एपीसी संकेत जैन, भानु गुमास्ता, मुकेश श्रीवास्तव, श्रीमती अनुराधा श्रीवास्तव, गजेन्द्र ठाकुर की सहभागिता रही।कार्यक्रम का संचालन बीएसी सत्येंद्र जैन द्वारा किया गया, बीएसी अरविन्द भट्ट, अमित वर्मा एवं ऋषि जंघेला ने कार्यशाला आयोजन में अपना विशेष योगदान दिया। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक दिनेश भट्ट ने विकसित भारत हेतु शिक्षा के लिए धरातल पर कार्य करने की जरूरत पर बल दिया, पाठ्यक्रम अध्यापन के लिए प्रायोगिक शिक्षा एवं सहायक शिक्षण सामग्री के अधिकाधिक उपयोग की बात कही। बीआरसी मोहखेड़ संगीत जैन, बीआरसी बिछुआ दिनेश डिगरसे, उच्च माध्यमिक शिक्षक राकेश डेहरिया, बीईओ मोहखेड़ डब्ल्यू आर खापरे, बीईओ परासिया श्री धुर्वे ने स्कूल शिक्षा के आधारभूत आयाम पर अपने विचार रखे। शिक्षाविदों एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के विचारों को संकलित कर दो दिवस में फीडबैक नोट तैयार कर राज्य स्तर पर प्रेषित किया जायेगा। प्रत्येक विकासखण्ड से बीईओ एवं बीआरसी के साथ पांच शिक्षाक्षाविद कार्याशाला में उपस्थित रहें।