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किसान मेला एवम निशुल्क स्वास्थ शिविर वा प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन

छिंदवाड़ा किसान मेला एवम निशुल्क स्वास्थ शिविर वा प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन गत दिवस परासिया रोड स्थित वन्दना लान में छत्तीसगढ़ एवम मणिपुर की पूर्व राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उईके जी के मुख्य आतिथ्य में एवम नगर निगम के महापौर विक्रम अहाके जी की अध्यक्षता एवम विशेष अतिथि के रूप में रोटरी क्लब ऑफ छिंदवाड़ा के अध्यक्ष रोटे. विनोद तिवारी, राष्ट्रीय हिन्दू सेना के जिला अध्यक्ष यमन साहू,कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अमरजीत कौर, तथा महिला, बाल विकास कल्याण के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रही शिवांगी दुबे समाज सेविका व पेस वेलफेयर की ऑल इंडिया प्रमुख भी उपस्थित रहीं।इस अवसर पर नगर निगम के सभापति जागेंद्र अलड़क ,पार्षद श्री कुशवाह ,रोटेरियन श्रीमती अनीता बत्रा सहित अन्य शहर की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था ओ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।कार्यक्रम की आयोजक दिव्या मिश्रा ने बताया की यहां कार्यक्रम बालाजी इंटरप्राइजेज के तत्वाधान में एवम सामाजिक संस्था एक कदम मदद की सेवा समिति के सहयोग से आयोजित किया गया था।कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों, समाजसेवियों और जमीनी कार्यकर्ताओं को न केवल सम्मानित करना था, बल्कि उनके संघर्ष, समर्पण और योगदान को जनमानस के सामने लाना भी था।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन व सरस्वती वंदना के साथ हुई, जिसके पश्चात अतिथियों द्वारा किसानों के सम्मान में प्रेरणादायक उद्बोधन दिए गए। उपस्थित अतिथियों ने न केवल किसानों को सम्मानित किया, बल्कि अपने वक्तव्यों से यह भी स्पष्ट किया कि अब समय आ गया है कि किसान केवल खेतों तक सीमित न रह जाएं, बल्कि देश के नीति निर्धारण की दिशा में भी उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाए।मुख्य अतिथि सुश्री अनुसूईया उइके जी ने अपने वक्तव्य में कहा, “किसान सिर्फ अन्नदाता नहीं, बल्कि संस्कृति, अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भर भारत के आधार स्तंभ हैं। हम यदि आज ग्रामीण भारत को पीछे छोड़ रहे हैं, तो इसका सीधा अर्थ है कि हम अपने भविष्य को कमजोर कर रहे हैं। हमें गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक और अधिकार आधारित योजनाओं को प्राथमिकता देनी होगी।” उनका यह विचार उपस्थित जनसमूह में गूंज की तरह फैल गया और सभी ने तालियों से स्वागत किया।समारोह के अध्यक्ष विक्रम अहाके ने कहा की उद्बोधन में कहा की हम सभी के अन्न दाता किसान भाई है इनकी सभी समस्या हमारी है हम सभी मिल कर इनकी आपदा के समय मदद करे।उन्होंने कहा की किसानों की आय, स्वास्थ्य, जलसंचयन, और भूमि सुधार को केंद्र में रखा जाए। किसानों को केवल योजनाओं का लाभार्थी नहीं, बल्कि भागीदार बनाया जाना चाहिए।विशेष अतिथि डॉ. विनोद तिवारी ने ग्रामीण भारत की स्वास्थ्य चुनौतियों पर विस्तार से बात करते हुए कहा, “यदि हम गांवों में आधारभूत स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंचाते, तो शहरों का बोझ कभी हल्का नहीं होगा। किसान परिवारों को कैंसर, हृदय रोग, कुपोषण जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है, लेकिन प्राथमिक स्तर पर ही उपचार संभव है। इसके लिए हमें चिकित्सा शिविरों, जागरूकता अभियानों और मोबाइल हेल्थ यूनिट्स की आवश्यकता है।”
कार्यक्रम में इस आयोजन में उन किसानों और समाजसेवियों को सम्मानित किया गया, जो वर्षों से चुपचाप अपने क्षेत्रों में काम कर रहे हैं और जिनका योगदान किसी सरकारी मंच पर दर्ज नहीं होता। इनमें से कुछ प्रमुख नाम रहे – संतोषी गजभिए, जो जैविक खेती की प्रणेता रही हैं और अनेक महिलाओं को इसके लिए प्रेरित कर चुकी हैं; डाक्टर मीरा पराडकर जिन्होंने स्वाभिमान जनकल्याण समिति के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार से जोड़ा उन्होंने मनकला उत्थान केंद्र के माध्यम से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य कर रही हैं; वंदना और अलका शुक्ला, प्रयास संस्था की प्रतिनिधि जिन्होंने किशोरियों की शिक्षा और स्वच्छता पर कई अभियान चलाए। कार्यक्रम में विशिष्ट सम्मान प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित सरपंच ‘दुरक्षा भैया’ को भी प्रदान किया गया, जिन्होंने अपने ग्राम पंचायत को स्वावलंबन का उदाहरण बना दिया है। उन्होंने जलसंकट, शिक्षा, स्वास्थ्य और नारी सम्मान जैसे क्षेत्रों में नए प्रतिमान स्थापित किए हैं।
इस गरिमामयी आयोजन को सफल बनाने में कई संगठनों और व्यक्तियों का सराहनीय योगदान रहा। आदर्श फाउंडेशन से डॉ. महेश बंदेवार जो इस पूरे आयोजन के समन्वयक रहे, उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल सम्मान नहीं, बल्कि गांवों के आत्मविश्वास को पुनर्स्थापित करने की एक शुरुआत है। एमएफकेटीसी एसएससी के सहयोग, मोहम्मद इस्माइल कुरेशी, नगर काउंसलर आयशा लोधी, माय भारत संस्था से राहुल बनिया, और उनकी टीम के लायक अली जैसे युवाओं ने तकनीकी और जमीनी स्तर पर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों, समाजसेवियों और किसानों को स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। किसानों ने भी मंच पर अपने अनुभव साझा किए और प्रशासन को सुझाव दिए, जो ग्रामीण नीति निर्माण में अमूल्य योगदान देंगे।
यह आयोजन अपने आप में एक संदेश बनकर उभरा है किसानों का सम्मान केवल कार्यक्रमों तक सीमित न रह जाए, बल्कि उनके जीवन की कठिनाइयों को दूर करने के लिए सतत प्रयास हो। सामाजिक और संस्थागत भागीदारी से ही हम एक समृद्ध, सम्मानित और आत्मनिर्भर किसान समाज की कल्पना को साकार करे.।कार्यक्रम बड़ी संख्या में समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि ग्रामीण जन कृषक भाई एवम स्वाहायता समूह के प्रतिनिधियों का अतिथियो के हस्ते उनके अच्छे कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।